भगवान् शिव के द्वादश (12) ज्योतिर्लिंगों के बारे में आपने कभी न कभी सुना ही होगा | इनमें प्रभु रामेश्वरम् की स्थापना श्री राम ने रामसेतु बनाने से पहले की थी | जब महावीर हनुमान ने उनके द्वारा दिए गए शिव लिंग के इस नाम का मतलब पूछा तो भगवान् राम ने शिव जी केपढ़ना जारी रखें “भगवान् शिव के द्वादश (12) ज्योतिर्लिंगों के बारे में आपने कभी न कभी सुना ही होगा | इनमें प्रभु रामेश्वरम् की…”
Author Archives: Avan shukla
अध्भुत और अकल्पनीय युद्ध तंत्र था चक्रव्यूह।
#महाभारत_चक्रव्यूह विश्व का सबसे बड़ा युद्ध था महाभारत का कुरुक्षेत्र युद्ध। इतिहास में इतना भयंकर युद्ध केवल एक बार ही घटित हुआ था। अनुमान है कि महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध में परमाणू हथियारों का उपयॊग भी किया गया था। ‘चक्र’ यानी ‘पहिया’ और ‘व्यूह’ यानी ‘गठन’। पहिए के जैसे घूमता हुआ व्यूह है चक्रव्यूह। कुरुक्षेत्रपढ़ना जारी रखें “अध्भुत और अकल्पनीय युद्ध तंत्र था चक्रव्यूह।”
इस नदी में मिलते हैं शिवलिंग, जानिए रहस्य . . .
इसलिए केवल इस नदी में मिलते हैं शिवलिंग, जानिए रहस्य . . . #नर्मदेश्वर_शिवलिंग नर्मदा नदी से निकला हर पत्थर शंकर होता है, इसलिए इन्हें नर्मदेश्वर भी कहा गया है ग्रंथों में नर्मदा को भारत की सबसे पवित्र नदी माना जाता है। मान्यता है कि जो फल गंगा नदी में स्नान से मिलता है, वहीपढ़ना जारी रखें “इस नदी में मिलते हैं शिवलिंग, जानिए रहस्य . . .”
तैमूर लँग को भारत से बाहर खदेड़ने वाली वीरांगना रामप्यारी गुर्जर की कहानी
तैमूर लंग की 120000 की सेना देखते ही देखते ढेर हो गई और उसे जान बचाकर भागना पड़ा हमारे वामपंथी इतिहासकार हमें बताते आए हैं कि कैसे तैमूर लंग और उसकी क्रूर सेना ने दिल्ली को क्षत विक्षत करते हुए लाखों हिन्दू वीरों को मृत्युलोक भेजा था। यही इतिहासकार बड़े चाव से बताते हैं किपढ़ना जारी रखें “तैमूर लँग को भारत से बाहर खदेड़ने वाली वीरांगना रामप्यारी गुर्जर की कहानी”
१५ फरवरी१९३२ अंग्रेज कलेक्टर ई. ओली के आदेश पर एक निहत्थी भीड़ पर एस.पी. डब्ल्यू. फ्लैग ने गोलियां चलवा दी थी
आपके योगदान कितने याद किये जायेंगे और कितने भुला दिए जायेंगे ये इसपर भी निर्भर करता है कि आपने उसे खुद कितना याद रखा है | नेताओं, स्थानीय विधायकों, कांग्रेस, जैसों का पाप इसमें फिर भी कम गिना जाना चाहिए | असली कसूरवार है रीढ़विहीन, गफलत में डूबी, जातिवादी, पलायन के शौक़ीन, उज्जड़, और अन्यपढ़ना जारी रखें “१५ फरवरी१९३२ अंग्रेज कलेक्टर ई. ओली के आदेश पर एक निहत्थी भीड़ पर एस.पी. डब्ल्यू. फ्लैग ने गोलियां चलवा दी थी”
आइये प्राचीन अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्था के कुछ और पहलुओं की चर्चा करते हैं-
सिर्फ भारत ही ऐसा देश है जहाँ आर्थिक मंदी या महामारी से लॉक-डाउन की स्थिति में भी ग़रीब से ग़रीब व्यक्ति भी लम्बे अंतराल तक जूझ सकता है .. जापान जैसे देशों में यह अवधि है — दो दिन .. इतालियन माइनो, हर्ष मंदर, सिद्धार्थ वरदराजन, बरखा दत्त, जीन द्रेज, अमर्त्य सेन और इनके जैसेपढ़ना जारी रखें “आइये प्राचीन अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्था के कुछ और पहलुओं की चर्चा करते हैं-“
चीन के सभी व्यापारिक क्षेत्र सुरक्षित कुछ तो गड़बड़ है
चीन ने धोखा देकर आर्थिक विश्व विजय हासिल कर ली है। उसने सबसे पहले कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाई और तब तक अपने फ्रिजों में रखी जब तक पूरे विश्व की आर्थिक अर्थव्यवस्था को पाताल में नहीँ उतार दिया चीन पूरी दुनिया के इन्वेस्टर्स का हब बन गया था। चीन ने अपने वुहान शहर मेंपढ़ना जारी रखें “चीन के सभी व्यापारिक क्षेत्र सुरक्षित कुछ तो गड़बड़ है”
कैसे करे महामृत्युंजय मन्त्र साधना और प्रयोग ?
कैसे करे महामृत्युंजय मन्त्र साधना और प्रयोग ? ************************* “महामृत्युंजय मंत्र” भगवान शिव का सबसे बड़ा मंत्र माना जाता है। हिन्दू धर्म में इस मंत्र को प्राण रक्षक और महामोक्ष मंत्र कहा जाता है। मान्यता है कि म प्रिय हामृत्युंजय मंत्र से शिवजी को प्रसन्न करने वाले जातक से मृत्यु भी डरती है। इस मंत्रपढ़ना जारी रखें “कैसे करे महामृत्युंजय मन्त्र साधना और प्रयोग ?”
जानिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व..!
“भारतीय नववर्ष, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रमी संवत् की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ । —————————– चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व:- ——————————— 1.इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की। 2.सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होतापढ़ना जारी रखें “जानिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व..!”
भगवान_शिव के “35” रहस्य
भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है। 🔱1. आदिनाथ शिव : – सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें ‘आदिदेव’ भी कहा जाता है। ‘आदि’ का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम ‘आदिश’ भी है। 🔱2. शिवपढ़ना जारी रखें “भगवान_शिव के “35” रहस्य”